Thursday, July 23, 2009

बड़े हुनरमंद हैं बुजुर्ग देखो.........

बड़े हुनरमंद हैं बुजुर्ग देखो.........

प्यार की सुनी बातों को हंस कर टालते तो हैं!

तमाम बातें राज़ की वो करते अहतियात से हैं,

कहकती महफिलों में जब अदब से खांसते वो हैं!

सिसकते हैं,तड़पते हैं,असर वो देखते भी हैं,

खलिश दिल की खला को वो बखूबी मानते तो हैं !

करते हैं बेशक बात मोह्हले की कहानी की,

हाँ हाल-ऐ-दिल ज़वानी का बखूबी जानते तो हैं !

कई बनते हैं बड़े पंडित,नवाजी चार पहर के,

मगर ज़वानी की कई कसमे अभी तक मानते तो हैं !

ज़वानी में कटी रातों के हर एक लम्हे को ,

छूटतीं सांसों में भी वो दर्द से बांटते तो हैं !

बड़े हुनरमंद हैं बुजुर्ग देखो.........

प्यार की सुनी बातों को हंस कर टालते तो हैं!