जब कभी प्यार की बात हो शौक में,
अपनी पलकों को थोडा झुका लीजिये !
जब कोई चेहरा दिल को सताने लगे,
आईने से दूरी बड़ा लीजिये !
धड़कने साथ हो पर परायी लगे,
मुस्कुराने का फिर तुम मज़ा लीजिये !
जब कदम दिल की बातों को सुनने लगे,
बस आँखों से बातें किया कीजिये !
जब कोई रोज़ खूआबों में आने लगे,
छोडिये नींद प्यार का मज़ा लीजिये !
बेचेनी जब हद से गुजरने लगे,
बीते लम्हों को तुम गुनगुना लीजिये !
हो अगर तुम मोहोब्बत के इस दौर में,
प्यार से ये ग़ज़ल गुनगुना लीजिये !!